Wednesday, December 19, 2007

पत्रिका जैसा सही कोई नही है

भाई , हमारे राजस्थान मैं तो राजस्थान पत्रिका से आचा कुछ नही है। मेरे घर पेर पत्रिका और भास्कर दोनो आते है। पत्रिका जैसा सही कोई नही है। सब कुछ एकदम साफ सुथरा है। http://www.rajasthanpatrika.com/ पर पढ़ सकते हो आप लोग। रही बात फेले बुसिनेस अकभार कि तो हमारे जयपुर मैं तो नफा नुकसान चलता है हिन्दी मैं और
बाकी इंग्लिश के तो काफी आते है । माफ़ करना जी ज्यादा अक्भार नही पढता हूँ मैं। बस १५ मं. रोज पढ़ लेता हूँ।


1 comment:

संजय बेंगाणी said...

अपनी अपनी पसन्द की बात है.